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भारतीय दण्ड संहिता (Indian Penal Code)

Updated: Oct 22, 2020

Chapter - 2

General Explanation




धारा 22 - जंगम संपत्ति(चल सम्पत्ति)


=जिसमें मूर्त संपत्ति भी आती है।

=भूबध्द या भूमि से जुड़ी हुई कोई वस्तु।


धारा 23 - सदोष अभिलाभ


=अवैध रूप से प्राप्त लाभ

=सदोष हानि

=विधिक रुप से हकदार व्यक्ति की हानि।


धारा 24 - बेईमानी से किसी को स दोष लाभ तथा अन्य को हानि।


धारा 25 - कपट पूर्वक


=कपट के आशय से कार्य करना।

=धारा 26 विश्वास करने का कारण

=प्रयाप्त हेतु रखने वाला व्यक्ति।


धारा 27 - पत्नी ,लिपिक या सेवक के कब्जे में संपत्ति


=मालिक की संपत्ति मानी जाती है


धारा 28 - कूटकरण


* इसके निम्नलिखित अवयव है

=एक वस्तु को दूसरे के समान बनाना।

=जिससे धोखा हो सके।

=ऐसा कार्य धोखा करने का आशय हो।

=कार्य द्वारा धोखा दिए जाने की संभावना हो।







धारा 29 - दस्तावेज


=किसी विषय का धोतक है।

=इसके समतुल्य अन्य रूप में प्रदर्शित हर वस्तु सम्मलित है।

=ऐसी सामग्री साक्ष्य के रूप में प्रयोग की जाये।


धारा 29(क) - इलेक्ट्रॉनिक अभिलेख


=आंकड़ा, रिकॉर्ड द्वारा प्राप्त की गयी छाया।

=फोन अथवा कंप्यूटर द्वारा उत्पादित की गई लघु स्लिप।

=इलेक्ट्रॉनिक रुप से भेजी गयी ध्वनि।


धारा 30 - मूल्यवान प्रतिभूति

=जिससे कोई अधिकार सृजित हो।

=कोई ड्रिकी अवधारणा की आधार पर पारिस्थिकी जा सके ।

=प्रतिलिपि मूल्यवान प्रतिभूति की श्रेणी में नहीं आती है।

=तलाश विक्रय-बिलेख, किराया पत्र ,बीमा पालिसी आदि इसके अंतर्गत है।


धारा 34 - सामान्य आशय के अग्रसर करने में कई व्यक्तियों द्वारा किये गये कार्य आवश्यक तत्व- कोई अपराधिक कार्य


=कोई अपराधिक कार्य

=व्यक्तियों द्वारा किया गया हो

=सामान्य आशय को अग्रसर करने में हो।

=उनकी बीच निर्धारित योजना के अंतर्गत कार्य हो।

=सभी अभियुक्त किसी न किसी प्रकार सम्मलित हो।

=सभी की शारीरिक उपस्थिति सदैव आवश्यक नहीं है।


धारा 34 - क्षति

* आवश्यक तत्व-

=किसी व्यक्ति को क्षति हो।

=अवैध रुप से क्षति कारित हो।

=शरीर मन ख्याति संपत्ति के संबंध में हो।


धारा 52 - सद्धाव पूर्वक

=सम्यक सतर्कता से किया गया हो।

=ध्यान तथा विश्वास के साथ किया गया हो।

=कार्य की प्रकृति परिणाम एवं महत्व के संबंध में जानता हो।

धारा 52 (क) - संश्रय


=किसी व्यक्ति को आश्रय ,भोजन, पेय,धन, वस्त्र आदि देना।

=आयुद्ध, गोला ,बारुद ले जाने का साधन देना ।

=पकड़े जाने से बचाना।

=पत्नी तथा पति द्वारा दिया गया संश्रय अपराध नही है।



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