Chapter - 1
प्रस्तावना
+ अपराध तथा समाज का संबंध अनादि काल से रहा है
+ समाज को अपराधियों से बचाने के लिए दंड का प्रावधान किया गया ।समाज को + अपराधियों से बचाने के लिए दंड का प्रावधान किया गया ।
+ सभी समाज में दंड का एक महत्वपूर्ण स्थान है।
+ शांति तथा सुरक्षा से समाज को संरक्षित करने के लिए दंड राज्य द्वारा निर्धारित किया गया है।
+ प्रथम विधि आयोग की स्थापना 1834 में की गई।
+ लार्ड मैकाले द्वारा इसका नेतृत्व किया गया।
+ 06 अक्टूबर 1860 को संहिता पारित हुआ।
+ 01 जनवरी 1862 में लागू की गई।
अपराध के आवश्यक तत्व;-
= मानव
= अपराधिक आशय
= आपराधिक कृत्य
= मानव की क्षति
धारा 1 - संहिता का विस्तार
- संपूर्ण भारत में
धारा 2 -भारत के भीतर किए गए अपराधों का दंड।
धारा 3 - भारत से परे किंतु उसके भीतर विचारणीय अपराधों का दंड।
धारा 4 - भारतीय नागरिक द्वारा भारत के बाहर किया गया अपराध।
- भारत में पंजीकृत किसी पोत या विमान पर किया गया अपराध
- किसी कंप्यूटर साधन को लक्ष्य बनाते हुए किया गया अपराध।
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